हादसे में शरीर से अलग हो चुके हाथ को दुबारा जोड़ा, मरीज को मिली नई जिंदगी

 


हादसे में शरीर से अलग हो चुके हाथ को दुबारा जोड़ा, मरीज को मिली नई जिंदगी



सार



  • गाजियाबाद के वसुंधरा के पास हुए दुर्घटना में व्यक्ति का हाथ उसके शरीर से हुआ अलग     

  • दुर्घटना के छह से सात घंटे बाद हुआ ऑपरेशन  

  • आठ डॉक्टरों की टीम ने नौ घंटे तक ऑपरेशन कर दुर्घटना में घायल से जोड़ा उसका हाथ   



 

विस्तार


जिस समय कोरोना वायरस लोगों के हाथ से कामकाज छीन रहा है, उसी समय सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों ने एक व्यक्ति विकास का ऐसा हाथ उनके शरीर से जोड़ने में सफलता पाई है, जो एक दुर्घटना में पूरी तरह उनके शरीर से अलग हो गया. था।



 

दुर्घटना के लगभग छह घंटे बाद भी अलग हो चुके हाथ को शरीर से जोड़कर डॉक्टरों ने विकास को आजीवन दूसरों के सहारे होने से बचा लिया है। सफदरजंग अस्पताल के आठ डॉक्टरों की एक टीम ने लगातार नौ घंटे तक ऑपरेशन कर इस काम को अंजाम दिया है।

कैसे हुई दुर्घटना


पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मीनगर में रहने वाले विकास (लगभग 30 वर्ष) एक बैंक में काम करते हैं। मंगलवार को वे अपनी मोटरसाइकिल से गाजियाबाद से घर वापस आ रहे थे। वसुंधरा के पास एक फ्लाईओवर से नीचे उतरने के दौरान उन्हें चक्कर आ गया और वे बाइक से गिर गये।

एक्सीडेंट के दौरान उनका हाथ रेलिंग में फंसकर उनके शरीर से अलग हो गया और वे झटके से दूर जा गिरे। उनके साथ आ रहे उनके एक दोस्त ने पुलिस/एंबुलेंस को फोन कर उन्हें एक नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया।

लेकिन मामले की गंभीरता को देख डॉक्टरों ने उन्हें सफदरजंग जाने का सुझाव दिया। इसके बाद विकास के परिजन उन्हें लेकर सफदरजंग अस्पताल पहुंचे।

चैलेंजिंग काम किया


सफदरजंग अस्पताल के बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर शलभ ने अमर उजाला को बताया कि कोरोना के संक्रमण के खतरे को देखते हुए उनके अधिकतर सहयोगी उसी काम में जुटे हुए हैं।

जब विकास उनके पास पहुंचे उस समय भी उनके ज्यादातर साथी दूसरे कामों में जुटे हुए थे। कोरोना के खतरे के बीच यह गंभीर मामला उनके सामने आया और उन्होंने विकास का हाथ हर हाल में बचाने का निश्चय किया। उन्होंने अपनी टीम के सदस्यों को एकत्र कर उन्हें जरूरी सुझाव दिए और टीम अपने काम में जुट गई।

विकास का ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर राकेश कैन ने बताया कि अगर दुर्घटना के छह घंटे बाद भी किसी व्यक्ति के शरीर का कोई हिस्सा उन्हें मिल जाता है, तो वे उसे शरीर से जोड़ने की कोशिश करते हैं।

इस मामले में भी विकास को उनके पास तक पहुंचने में लगभग छह घंटे का समय बीत चुका था। लेकिन इसके बाद भी उन्होंने उनका हाथ उनके शरीर से जोड़ने में सफलता पाई। 

मंगलवार शाम लगभग सात बजे उनकी टीम ने काम शुरू किया और बुधवार सुबह चार बजे तक ऑपरेशन चलता रहा। इस मामले में अलग हुए हाथ की नसें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थीं, जिन्हें सुलझाकर उन्हें सही स्थिति में लाना था।

दूसरे शरीर के हिस्से में जुड़े हाथ के हिस्से में इन नसों को सही स्थिति में जोड़ना था और इसके बाद शरीर के ऊपर की त्वचा को कम से कम नुकसान पहुंचाकर उसे ठीक करना था। कड़ी मेहनत के बाद उनकी टीम ने यह करके दिखाया। विकास अभी भी सफदरजंग अस्पताल में भर्ती हैं और उनका इलाज चल रहा है।